
Maa Ambika Gauri ji ki Aarti
Duration: 5 min
Language: Hindi
Aarti Lyrics
जय अम्बे गौरी, मैया जय श्यामा गौरी।
तुमको निशादिनं ध्यावत, हरि ब्रम्हा शिवरि।
ॐ जय अम्बे गौरी
मांग सिन्दूर विराजत, टिको मृगमद को।
उज्जवल से दोउ नैना, चन्द्रवदन नीको।
ॐ जय अम्बे गौरी
कनक समन कलेवर, रक्ताम्बर राजे,
रक्तपुष्प गल माला, कंठन पर सजे।
ॐ जय अम्बे गौरी
केहरि वाहन रजत, खड़ग खप्पर धारी,
सूर-नर-मुनिजन सेवत, तिनके दुःखहारी।
ॐ जय अम्बे गौरी
कानन कुंडल शोभित, नासाग्रे मोती,
कोटिक चन्द्र दिवाकर, रजत सम ज्योति।
ॐ जय अम्बे गौरी
शुम्भ-निशुम्भ बिदारे, महिषासुर घाटी,
धूम्र विलोचन नैना, निषादिन मदमती।
ॐ जय अम्बे गौरी
चण्ड-मुण्ड संहारे, शोणित बीज हरे,
मधु-कैटभ दोउ मरे, सुर भयहिं करे।
ॐ जय अम्बे गौरी
ब्रम्हाणी, रुद्राणी, तुम कमला रानी,
अगम निगम बखानी, तुम शिव पटरानी।
ॐ जय अम्बे गौरी
चौसठ योगिनी मंगल गावत, नृत्य करत भैरु,
बाजत ताल मृदंगा, अरु बाजत डमरू।
ॐ जय अम्बे गौरी
तुम ही जग की माता, तुम ही हो भारत,
भक्तन की दुःख हर्ता, सुख सम्पति कर्ता।
ॐ जय अम्बे गौरी
भुज चार अति शोभी, वरमुद्रा धारी,
मनवंचित फल पावत, सेवत नर नारी।
ॐ जय अम्बे गौरी
कंचन थल विराजत, अगर कपूर बाती,
श्रीमालकेतु में राजत, कोटि रतन ज्योति।
ॐ जय अम्बे गौरी
श्री अम्बेजी की आरती, जो कोई नर गावे,
कहत शिवानन्द स्वामी, सुख-सम्पत्ति पावे।
ॐ जय अम्बे गौरी